देहरादून। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकर की तरफ से पुरजोर कोशिश की जा रही है। इसके लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत सरकार ने अपने आवास स्थित कैम्प कार्यालय में उच्च शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा की समीक्षा बैठक ली। इस अवसर पर सीएम ने उच्च और माध्यमिक शिक्षा के तहत होने वाले काम के बारे में जानकारी ली है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण मान्यता पर भी विचार किया जाएगा। यहां बता दें कि विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की मान्यता पर कार्यवाही करने के निर्देश केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी दे चुके हैं।
स्कूलों का समायोजन
गौरतलब है कि राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए राज्य के 54 महाविद्यालयों को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान(रूसा) के अन्तर्गत शामिल करने के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से अनुरोध किया जाएगा। सीएम ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापरक बनाने के लिए शिक्षकों और छात्रों के अनुपात को ठीक करने के लिए स्कूलों की क्लबिंग की जा रही है यानी कि 10 से कम छात्रों वाले स्कूलों को बड़े स्कूलों में समायोजित किया जा रहा है। ऐसा करने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। बच्चों को सुरक्षित स्कूलों तक लाने के लिए स्कूल वाहनों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है।
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काॅलेजों का निर्माण जारी
यहां बता दें कि इस मौके पर अपर मुख्य सचिव डाॅक्टर रणबीर सिंह ने यह जानकारी दी कि प्रदेश में अभी 19 काॅलेज निर्माणाधीन हैं जिसके लिए 28 करोड़ रुपये की बजट की आवश्यकता है, जिसके लिए सरकार की तरफ से अब तक सिर्फ 6 करोड़ रुपये ही उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि काॅलेजों का निर्माण कार्य राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत सम्मिलित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रूसा के तहत जो 35 प्रतिशत की धनराशि काॅलेजों की मरम्मत के लिए दी जाती है अगर उसे राज्य सरकार के हाथ में दे दिया जाए तो इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
5वीं और 8वीं में बोर्ड
सचिव शिक्षा डाॅक्टर भूपेन्द्र कौर औलख ने बताया कि शिक्षा में सुधार के लिए स्कूलों की स्थिति में सुधार लाने के साथ शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत रमसा एवं सर्व शिक्षा अभियान में विस्तार होना चाहिए। स्कूली स्तर पर शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए अब 5वीं और 8वीं में बोर्ड की परीक्षा शुरू की जा रही है। छात्रों के सही मूल्यांकन के लिए इनकी काॅपियों की जांच दूसरे स्कूलों के शिक्षकों से कराई जाएगी।