देहरादून। राज्य सरकार ने 97 सहकारी समितियों को भंग करने का निर्णय लिया है। सहकारिता मंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा है कि सरकार का मकसद समितियों को सक्रिय करना है सिर्फ चुनाव लड़ने के मकसद से बनाई गई समितियों पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि जांच में सहकारी संघ से जुड़ी ये सभी समितियां निष्क्रिय पाई गई हैं और उनसे किसी तरह का लेन-देन नहीं किया जाता है।
एक सप्ताह के भीतर मांगा जवाब
गौरतलब है कि राज्य सहकारी संघ से जुड़ी समितियों को भंग करने की तैयारी के साथ ही राज्य सहकारी संघ से सदस्यता खत्म करने के नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं। यहां बता दें कि सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य में निष्क्रिय सहकारी समितियों को लेकर जांच के निर्देश दिए थे। सहकारिता के निबंधक को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी, सोयाबीन फैक्ट्री हल्दूचैड़ साथ ही कॉपरेटिव ड्रग्स फैक्ट्री रानीखेत की जांच कराई गई। इसमें पाया गया कि ये समितियां क्रय-विक्रय समितियां नहीं हैं और इन समितियों को संघ के नियमों के विपरीत पाया गया है। इन समितियों से एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है।
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संघ के अध्यक्ष भी हटेंगे
आपको बता दें कि 97 समितियों के भंग होने से राज्य सहकारी संघ का गणित भी बिगड़ जाएगा। ऐसे में न सिर्फ मौजूदा बल्कि आने वाले समय में होने वाले चुनाव भी प्रभावित होंगे। समिति के भंग होने से इससे चुनकर आए प्रतिनिधियों की सदस्यता भी खत्म हो जाएगी। ऐसा हुआ तो राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष पद से प्रमोद कुमार सिंह को भी सरकार हटा सकती है क्योंकि वह खुद इन समितियों के द्वारा ही चुनकर पहुंचे हैं।