देहरादून। राज्य में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए सरकार की तरफ से कई कोशिशें की जा रहीं हैं। सरकार ने राज्य के मेडिकल काॅलेज से बाॅन्ड के आधार पर शिक्षा हासिल करने वाले डाॅक्टरों के लिए 5 साल पहाड़ों में सेवा देना अनिवार्य कर दिया है। इसके बावजूद डाॅक्टर पहाड़ चढ़ने से इंकार करते रहे। अब सरकार ने इस तरह के डाॅक्टरों को 5 साल पहाड़ों में सेवा देने पर पीजी में 30 फीसदी वेटेज देने का फैसला लिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा डाॅक्टरों को पहाड़ी इलाकों में सेवा देने के लिए तैयार किया जा सके।
डाॅक्टरों को लुभाने की कोशिश
गौरतलब है कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से अभी तक 850 से अधिक बॉन्डधारी डॉक्टर पासआउट हो चुके हैं लेकिन, इनमें से महज 244 डॉक्टर ही पहाड़ पर कार्यरत हैं। कम फीस देकर शिक्षा हासिल करने के बावजूद डाॅक्टरों के पहाड़ों में सेवा से इंकार करने से सरकारी योजना को एक बड़ा धक्का लगा है। अब सरकार ने डाॅक्टरों को लुभाने का नया प्रयास शुरू कर दिया है।
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नए सिरे से लागू करने का प्रयास
आपको बता दें कि सरकार की तरफ से डाॅक्टरों को पहाड़ चढ़ाने के लिए उन्हें पीजी में 30 फीसदी वेटेज देने का फैसला लिया है। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की ओर से तैयार प्रस्ताव के तहत पीजी के लिए बॉन्डधारी डॉक्टरों को पांच साल की जरूरी सेवा पर अधिकतम 30 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। गौर करने वाली बात है कि राज्य में पीजी की कुछ ही सीटें हैं जिसकी वजह से डाॅक्टरों को बहुत कम मौका मिल पाता है। बता दें कि एक बार पहले भी राज्य में यह व्यवस्था की गई थी, लेकिन बाद में इसे खत्म कर दिया गया। अब नए सिरे से इसे लागू किया जा रहा है।