देहरादून। राज्य के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने के बाद रेफ्रेंस बुक को लेकर प्राईवेट स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी निजी स्कूल छात्रों से जानबूझकर महंगी रेफ्रेंस बुक खरीदवा रहे हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों की टीम बनाकर स्कूलों में इस्तेमाल की जा रही रेफ्रेंस बुक की जांच करने को कहा है। ये अधिकारी स्कूलों में एनसीईआरटी के मुख्य पाठ्यक्रम के साथ लगाई जा रही रेफ्रेंस किताबों की जांच करेंगे।
गौरतलब है कि अधिकारियों द्वारा की जाने वाली जांच की हर तीसरे दिन समीक्षा की जाएगी। कुल 17 अफसरों की टीम बनाई गई है। मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी जांच टीम गठित करने के आदेश दिए हैं। यहां बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के निर्देश दिए थे। प्राईवेट स्कूलों ने इसका काफी विरोध भी किया था। निजी स्कूल सरकार के इस फैसले के विरोध में हाईकोर्ट चले गए थे। उनका कहना था कि एनसीईआरटी की किताबों में पर्याप्त सामग्री न होने के कारण छात्रों को अपेक्षित ज्ञान नहीं मिल पाता है। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें रेफ्रेंस बुक लगाने के निर्देश दिए थे साथ ही यह भी कहा था कि किताबों की कीमत ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
ये भी पढ़ें - उत्तराकाशी और चमोली में भूस्खलन का सिलसिला जारी, गंगोत्री हाईवे बंद
यहां बता दें कि छात्रों और अभिभावकों के द्वारा लगातार ये शिकायतें मिल रही है कि कुछ प्राईवेट स्कूल हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। बता दें कि हाईकोर्ट ने स्कूलों के द्वारा महंगी किताबों के लगाने पर रोक लगाई हुई है। शिकायतों के बाद शिक्षा मंत्री ने 17 अधिकारियों की एक टीम गठित की है जो स्कूलों में जाकर किताबों की जांच करेगी। हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।
टीम गठित
देहरादून शहर- सीईओ एसबी जोशी, डीईओ-माध्यमिक, डीईओ बेसिक
डोईवाला- आरएस राणा, विजेंद्र सिंह नेगी,
विकासनगर- वीपी सिंह, अवनिंद्र बड़थ्वाल, एमएस चैहान,
सहसपुर- पंकज शर्मा, एके तिवारी, सतेंद्र कुमार जोशी
रायपुर- एसएस तोमर, प्रकाश चंद्र जुयाल, हेमंती नौटियाल