देहरादून। राज्य के विभिन्न स्कूलों में तैनात अतिथि शिक्षकों को राहत मिल सकती है। प्रदेश सरकार हाईकोर्ट से इन शिक्षकों के लिए 1 साल के सेवाविस्तार दिए जाने की मांग कर सकती है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार 31 मार्च को अतिथि शिक्षकों की सेवा अवधि समाप्त हो रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि वे कोर्ट से स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति होने तक इन शिक्षकों को बहाल रखने का अनुरोध किया जाएगा। अगर कोर्ट सरकार की इस बात को मान लेती है तो करीब 5 हजार शिक्षकों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के मकसद से कांग्रेस के शासन काल में बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई थी। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया था और 31 मार्च 2018 के बाद इनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए थे। इसके बाद शिक्षकों के भारी विरोध के बाद इन्हें 2 महीने की मोहलत दी गई थी। प्रदेश सरकार की तरफ से इन शिक्षकों को समायोजित करने की भी बात कही गई लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया।
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आपको बता दें कि राज्य में शिक्षकों की भारी कमी है जिसकी वजह से वहां की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। प्रदेश सरकार की तरफ से शिक्षकों की कमी को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए करीब 900 से ज्यादा प्रवक्ता पद के लिए लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए सरकार हाईकोर्ट से अतिथि शिक्षकों के लिए एक साल का सेवा विस्तार देने का अनुरोध करेगी।