देहरादून। उत्तराखंड में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना सरकारी बाबुओं की लापरवाही का शिकार हो रही है। अफसरशाही की इस लापरवाही पर श्रम मंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत ने सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने अपनी नाराजगी को जाहिर करते हुए अपर मुख्य सचिव-कौशल विकास को पत्र लिखा है। हरक सिंह रावत ने अपने पत्र में कौशल विकास केंद्रों के चयन पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने इसमें बड़े गड़बड़झाले की बात करते हुए कहा कि अगर कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जांच करा दी जाए तो फर्जीवाड़े सामने आ जाएंगे।
गौरतलब है कि अप्रैल में दिल्ली में हुई बैठक में जहां बाकी राज्यों ने अपने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और अन्य लोगों को भेजा था वहीं उत्तराखंड ने सिर्फ एक ही अधिकारी को भेजकर खानापूर्ति कर दी थी। प्रदेश सरकार की ओर से जिस अधिकारी को बैठक में शामिल होने के लिए भेजा गया था उनके पास पूरी जानकारी भी नहीं थी। मामला बिगड़ता हुआ देखकर डाॅक्टर रावत ने खुद ही मोर्चा संभाला था।
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यहां बता दें कि कौशल विकास योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है और इसके लिए देश के सभी राज्यों में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना की गई है। उत्तराखंड में इस योजना के तहत चल रहे केंद्रों में बड़े पैमाने पर गड़बड़झाले की खबरें सामने आ रही हैं। श्रम मंत्री डाॅक्टर हरक सिंह रावत ने इन केन्द्रों के चयन पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इसमें दिए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जांच करा दी जाए तो फर्जीवाड़ा खुद ही सामने आ जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा, मंत्री जी का पत्र प्राप्त हुआ है। कौशल विकास का कार्य मुख्य सचिव पंकज पांडे देख रहे हैं। मैंने उनसे रिपोर्ट मांगी हैं। मंत्री जी को जल्द ही रिपेार्ट दे दी जाएगी।