नैनीताल। राज्य के जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने कवायद तेज कर दी गई है। नैनीताल की सीएमओ डा. भारती राणा ने सालों से गैरहाजिर चल रहे 22 डॉक्टरों को बर्खास्तगी का अंतिम नोटिस दिया है। एक सप्ताह के अंदर अपनी ड्यूटी ज्वाइन न करने वालों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने के लिए डाॅक्टरों की भर्ती शासन की तरफ से की जाएगी। गौर करने वाली बात है कि नैनीताल जिले में स्वास्थ्य सेवाएं काफी समय से सवालों के घेरे में हैं।
गौरतलब है कि बीडी पांडे जिला अस्पताल में हृदय रोग समेत कई बीमारियों के डॉक्टर तक नहीं हैं। यहां तक की अल्ट्रासाउंड भी 24 घंटे उपलब्ध नहीं है। बताया जा रहा है कि डाॅक्टरों के पहाड़ नहीं चढ़ने और मैदानी इलाकों को ज्यादा पसंद करने की वजह से पहाड़ी इलाकों के अस्पतालों का बुरा हाल है। एक ओर स्वास्थ्य विभाग के पास डॉक्टरों की कमी और दूसरी ओर तैनाती के बाद भी तमाम डॉक्टर गायब चल रहे हैं।
यहां बता दें कि डाॅक्टरों के तबादले पहाड़ों पर होने के बावजूद वे वहां जाने को तैयार नहीं हैं। कुछ डाॅक्टरों ने पहाड़ों पर जाने के बजाय वीआरएस ले लिया और कुछ ने बिना बताए ही ड्यूटी पर जाने से इंकार कर दिया और अपना फायदा देखते हुए तमाम डाॅक्टरों ने निजी प्रैक्टिस शुरू कर दी। डाॅक्टरों के इस रवैये के बाद स्वास्थ्य विभाग सख्त हो गया है। शासन के निर्देश पर अब सीएमओ डा. भारती राणा ने ऐसे डॉक्टरों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वह एक सप्ताह के अंदर अपनी तैनाती स्थल पहुंच जाएं अन्यथा उन्हें सेवा से बाहर कर दिया जाएगा।
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गौर करने वाली बात है कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले के 22 डॉक्टरों की सूची जारी की है। सबसे ज्यादा लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों में पहला नाम डा. सुरेश चंद्र पांडे का है। पांडे लगभग 14 साल से लापता हैं। सीएमओ डाॅक्टर भारती राणा ने बताया कि यह लिस्ट हमें स्वास्थ्य महानिदेशालय से मिली है। लिस्ट के क्रम में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ डॉक्टर सरकारी सेवा में रुचि नहीं ले रहे हैं ऐसे में निदेशालय की ओर से कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के बाद भी अगर डाॅक्टर ज्वाइन नहीं करते हैं तो उन्हें बाहर कर दिया जाएगा और उनकी जगह नए डाॅक्टरों को मौका दिया जाएगा।