पिथौरागढ़। उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। पिथौरागढ़ में पहाड़ों से हजारों टन मलबा गिरने से सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई हैं। मलगा गिरने से पिथौरागढ़-मुनस्यारी मार्ग बंद होने से यात्रियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। वहीं लगातार हो रही भारी बारिश से यमुना नदी भी पूरे उफान पर है। यमुना के उफान पर आने से यमुनोत्री धाम और जानकीचट्टी में के तटवर्ती इलाके में भारी कटाव होने की खबर है। यमुना के तेज बहाव में यमुनोत्री में दो धर्मशाला, गर्म कुंड, मंदिर समिति की रसोई और 5 दुकानें क्षतिग्रस्त होने के साथ ही यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाली आसीसी पुलिया भी यमुना के उफान में बह गई। बताया जा रहा है कि जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग का करीब 30 मीटर हिस्सा ढह गया है। भारी बारिश से हरिद्वार में गंगा नदी भी खतरे के निशान तक पहुंच गई है।
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गौरतलब है कि उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से भारी बारिश का सिलसिला जारी है जिससे प्रदेश की सभी नदियां उफान पर आ गई हैं। यमुनोत्री इलाके में यमुना नदी में आए उफान से बड़ी संख्या में दुकानों को नुकसान पहुंचा है। यमुना नदी में उफान आने के साथ जमीन में कंपन पैदा होने से इलाके के डरे-सहमे लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। नदियों के उफान के कारण बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। यमुना के उफान से हुए नुकसान का जायजा लेने राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। अपनी यात्रा के बीच में फंसे तीर्थ यात्रियों को एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
यहां बता दें कि यमुनोत्री में भारी बारिश के बाद जिलाधिकारी डाॅक्टर आशीष चौहान ने कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता यात्रियों के लिए रास्ता बहाल करने की है। उन्होंने उरेडा को यमुनोत्री पैदलमार्ग पर सोलर लाईटें लगाने के निर्देश दिए हैं। यमुनोत्री धाम में तबाही का जायजा लेने पहुंचे मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ने प्रशासन को इसकी जानकारी देने के बाद शीघ्र व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने की मांग की है।