देहरादून। मानसून की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड में लोगों की मुसीबतें बढ़नी शुरू हो गई है। राज्य के कई इलाकों मंे लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ों से मलबा गिरने का सिलसिला जारी है। चमोली और मसूरी दोनों जगहों पर हो रही भारी बारिश के चलते पहाड़ों से मलबा गिरने से सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार थम सी गई है। बता दें कि इससे पहले सोमवार को भी पिथौरागढ़ में हुई भारी बारिश से दानीबगड़ डैम के टूटने से अलखनंदा और चंपावत में शारदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया जिसमें खनन कर रहे कई मजदूर फंस गए थे।
गौरतलब है कि सोमवार को मुनस्यारी में बादल फटने से पिथौरागढ़ के कई इलाकों में पानी भर गया और नदियां उफान पर आ गई। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों तक 8 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर चुका है। इसके साथ ही लोेगों को एहतियात बरतने की भी सलाह दी गई है। बता दंे कि सरकार की तरफ से आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारियों को इस बात की सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी हालत में वे अपना मोबाइल फोन स्विच आॅफ नहीं करेंगे।
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यहां बता दें कि मुनस्यारी में बादल फटने के बाद दानीबगड़ (मोतीघाट) गाड़ में जलस्तर बढ़ने से हिमालयन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की 10 मेगावाट बिजली परियोजना का बांध टूट गया। इसके बाद पूरे पिथौरागढ़ शहर में पानी का तेज बहाव देखा गया। गोरी नदी के उफान में आने से धपवा-बसंतकोट सड़क में बन रहा निर्माणाधीन पुल क्षतिग्रस्त हो गया। मुनस्यारी के स्टेट बैंक के पास स्क्रबर बंद होने से शिशु मंदिर को जाने वाले मार्ग में पानी भर गया है।