देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को एक और झटका दिया है। निकाय चुनावों की तैयारी को लेकर सरकार द्वारा की जा रही हीलाहवाली पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि चुनाव की तैयारियों में इतनी देरी क्यों हुई? कोर्ट ने 23 अप्रैल तक निकायों के परिसीमन का कार्य पूरा कर रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपने के आदेश सरकार को दिए हैं। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को नियत की है।
गौरतलब है कि न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुनवाई की। बता दें कि आयोग ने याचिका में कहा था कि सरकार द्वारा तय समय सीमा के भीतर चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं जबकि राज्य के निकायों का कार्यकाल 3 मई को समाप्त हो रहा है, इससे पहले चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता है।
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आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने सरकार को इस पर सूचना देने के बाद 9 मार्च को मतदान के कार्यक्रम की तैयारी कर ली थी जिसके अनुसार 19 मार्च तक मतदाता सूची तैयार करने, 2 अप्रैल को चुनाव अधिसूचना जारी करने, 4 अप्रैल को नामांकन, 29 अप्रैल को मतगणना व 5 मई को निकायों का गठन होना था। आयोग का कहना था कि परिसीमन को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार द्वारा परिसीमन नहीं किया गया जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि वह चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अब सरकार द्वारा चुनाव का शेड्यूल चुनाव आयोग को दे दिया गया है। सरकार ने कहा कि निकाय चुनाव की तैयारियां पिछले साल से ही शुरू कर दी गई थी लेकिन हाईकोर्ट में याचिका आने के बाद स्थागनादेश हो गया। नई तैयारियां करने में थोड़ा समय लग गया। सरकार 23 अप्रैल तक परिसीमन की अंतिम सूची जारी कर देगी वहीं 11 मई को आरक्षण तय करने के बाद 12 मई को रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी जाएगी।