देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राज्य में नगर पालिका और नगर निगमों के विस्तार को लेकर सरकार का पुराना नोटिफिकेशन निरस्त कर 48 घंटे के अंदर नए सिरे से अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने संबंधित याचिकाकर्ताओं की सुनवाई के लिए एक सप्ताह का समय देने और उसके बाद 7 दिनों में शिकायतों का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट में 40 से अधिक गांवों को निकायों में शामिल करने के खिलाफ 39 से ज्यादा याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। इस मामले में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ द्वारा जब जानकारी मांगी गई तो महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि सरकार सुनवाई का मौका देना चाहती है। इसके बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार के निकाय विस्तार के सभी शासनादेशों को रद्द करने के आदेश दे दिए। इसके साथ ही अगले 48 घंटे में नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी कर उसका विज्ञापन भी निकालने के भी आदेश दिए हैं। यहां बता दें कि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सुनवाई के लिए सरकार को एक सप्ताह का समय देने को कहा है। इसके अगले सप्ताह ही शिकायतों के निस्तारण के आदेश दिए हैं।
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इन निकायों को लेकर थी याचिकाएं
हल्द्वानी, भवाली, भीमताल, कोटद्वार, विकासनगर, पिथौरागढ़ और चंबा आदि।
यहां गौर करने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट के 2006 के फैसले के अनुसार प्रदेश में 4 मई तक नए निकायों का गठन किया जाना है। अब हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अप्रैल में चुनाव हो सकेंगे।