नैनीताल। उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोेर्ट ने सरकार को इस बात के निर्देश दिए हैं कि गाड़ी चलाने के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करने वालों के लाईसेंस रद्द किए जाएं। लाईसेंस के निरस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से लागू होने तक 5000 रुपये का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने दुपहिया वाहन चालकों के लिए भी हेलमेट पहनने को अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा कि हेलमेट आईएसआई कंपनी का ही होना चाहिए इसे सख्ती से लागू कराने की जिम्मेदारी एसएसपी, सीओ व कोतवाल की होगी। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि अविदित नोलियाल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 128 व 129 का कठोरता से पालन नहीं करा रही है। इससे दुर्घटनाएं बढ़ रहीं हैं। छोटे-बड़े वाहन अपनी लंबाई से ज्यादा लंबे पोल, पाइप, सरिया आदि ले जाते हैं। इससे भी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि नियमों का पालन न होने पर प्रदेश के किसी भी नागरिक को यह छूट है कि वह मामले से हाईकोर्ट को अवगत कराए। कोर्ट ने सरकार को यह आदेश भी दिए हैं कि नाबालिगों को न तो लाईसेंस जारी किए जाएं और न ही उन्हें वाहन चलाने दिए जाएं।
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आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी वाहन में उसकी लंबाई से ज्यादा के सरिया, स्टील और लोहे के रॉड, खंभे पाइप आदि ले जाना प्रतिबंधित किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को मोटरयान एक्ट की धारा 128 और 129 को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं।