नैनीताल। बद्रीनाथ महालक्ष्मी मंदिर के रखरखाव का सालाना ठेका डिमरी धार्मिक पंचायत को सौंपने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति सरकार और पर्यटन सचिव को नोटिस भेजा है। इस मामले में तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि हरिद्वार के रहने वाले राकेश कौशिक ने याचिका दायर कर कहा था कि 1999 में गलत तरीके से मंदिर का ठेका डिमरी धार्मिक पंचायत को सौंप दिया गया था।
गौरतलब है कि बद्रीनाथ महालक्ष्मी मंदिर का ठेका 35 हजार रुपये के सालाना किराए पर डिमरी धार्मिक पंचायत को सौंपा गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि 1999 में मंदिर का ठेका गलत तरीके से डिमरी धार्मिक पंचायत को सौंप दिया गया था जबकि इसके लिए पहले सरकार की अनुमति लेनी होती है लेकिन इसके लिए मंदिर समिति ने धारा 17 के तहत सरकार से अनुमति नहीं ली। ऐसे में याचिका में मंदिर का ठेका पंचायत से वापस लेने की मांग की गई थी।
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यहां बता दें कि इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति, सरकार और पर्यटन सचिव को नोटिस भेजा है। अब देखना यह होगा कि सरकार की ओर से इसका क्या जवाब दिया जाता है।