Thursday, April 25, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

बाघों के पुनर्वास को लेकर गलत जानकारी देने पर हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई लताड़, कहा- लानत है सरकारी कार्यालयों पर 

अंग्वाल न्यूज डेस्क
बाघों के पुनर्वास को लेकर गलत जानकारी देने पर हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई लताड़, कहा- लानत है सरकारी कार्यालयों पर 

नैनीताल। राज्य के जिम काॅर्बेट पार्क में जंगली जानवरों के पुनर्वास को लेकर सरकारी अधिकारियों के द्वारा दी गई गलत जानकारी पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। बता दें कि हाईकोर्ट ने काजीरंगा की तर्ज पर कार्बेट नेशनल पार्क में घायल बाघों के पुनर्वास के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाने का आदेश दिया है। गौर करने वाली बात है कि पहले कोर्ट ने कहा था कि अधिकारियों का ज्यादा ध्यान जानवरों से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को बचाने पर है लेकिन जब बेजुबान जानवरों का सवाल आता है तो वे खामोश हो जाते हैं। 

गौरतलब है कि कोर्ट को दी गई गलत जानकारी पर अधिकारियों ने कोर्ट से माफी मांगी है। गलत जानकारी देने पर नाराज कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने वाले अधिकारी पूरी जानकारी के साथ ही कोर्ट में आएं। बता दें कि हिमालयन युवा ग्रामीण संस्था के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी की है।

ये भी पढ़ें - चमोली के धन सिंह घरिया बने शिक्षकों के लिए मिसाल, अब तक 150 छात्रों की पढ़ाई का उठाया खर्च 


यहां बता दें कि हिमालयन युवा ग्रामीण संस्था द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि जिम काॅर्बेट पार्क के किनारे रहने वाले जानवरों पर अत्याचार करते हैं। हाथियों की आंखें फोड़ने का मामला भी सामने आया था। वहीं कई बाघों की भी हत्या करने का मामला सामने आया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मृत बाघों की बिसरा रिपोर्ट तलब की। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि बिसरा रिपोर्ट उसी दिन लैब में भेज दी जाती है लेकिन कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट से पता चला कि बिसरा रिपोर्ट उसी दिन नहीं भेजी गई थी। गलत जानकारी पर अधिकारियों ने कोर्ट से माफी मांगी। अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी।

 

Todays Beets: