देहरादून। रामनगर के धुमाकोट में हुए बस हादसे के बाद सड़क सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को एक महीने के अंदर राज्य की सभी सड़कों का रोड सेफ्टी ऑडिट कराने और इसके बाद ऑडिट के आधार पर सुधार कराने का आदेश दिया है। इसके साथ इसके कोर्ट ने परिवहन सचिव को 3 महीनों के अंदर सभी वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने एवं सरकारी बसों में 6 महीने के अंदर जीपीएस लगवाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने सड़क सुरक्षा को लेकर और भी कई आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 3 महीने के अंदर राज्य के खतरनाक मोड़ों या स्थानों पर क्रश बैरियर, पैरापिट आदि लगाने के साथ ही 73 प्रवर्तन दल गठित करने शराब, परमिट, ओवरलोडिंग आदि की धाराओं के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं। बता दें कि ओवरलोडिंग के मामले में हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने पर शुक्रवार को परिवहन सचिव और अपर आयुक्त कोर्ट में पेश हुए थे।
ये भी पढ़ें - सख्ती के बाद भी सुरक्षा से खिलवाड़, हल्द्वानी में पकड़ी गई 2 ओवरलोडेड स्कूली बस
बता दें कि अरुण नाम के व्यक्ति के द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पिछले साल ओवरलोडिंग न होने देने के लिए कई निर्देश जारी किए थे। अरुण ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा था कि इन निर्देशों के बावजूद उसका पालन नहीं किया जा रहा है और रामनगर के धुमाकोट में इसी वजह से हादसा हुआ। इस मामले में वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव और अपर आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में कुल 25 प्रवर्तन दल हैं और जरूरत 100 दलों की है। अपर आयुक्त की इस दलील के बाद कोर्ट ने सरकार को प्रवर्तन दल में एक अधिवक्ता को शामिल करने, परिवहन विभाग को 100 ब्रीथ एनालाइजर उपलब्ध कराने, ओवरलोडिंग, गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने आदि में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने परिवहन विभाग पर भी सख्ती करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान अन्य मार्गों पर पर्याप्त बस उपलब्ध कराए जाएं। किसी भी निजी वाहन से क्रश गार्ड, बुल बार आदि एक सप्ताह के भीतर हटवाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने निजी वाहनों में हूटर और सायरन लगाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सरकारी, गैरसरकारी वाहनों पर प्रतीक चिह्न, पदनाम आदि को भी प्रतिबंधित कर दिया है। कोर्ट ने आईटीडीआर झाझरा से एक महीने के प्रशिक्षण के बाद ही व्यावसायिक लाईसेंस देने को कहा है।