नैनीताल। उत्तराखंड में बच्चों के द्वारा ‘ए’ श्रेणी की फिल्में देखने के मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिए हैं। ऊधमसिंह नगर के रहने वाले राकेश कुमार के द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने सभी जिलों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि सेंसर बोर्ड से ए प्रमाण पत्र प्राप्त फिल्मों को दिखाने वाले सिनेमाघरों में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश न मिले।
गौरतलब है कि राकेश कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि सार्वजनिक स्थानों पर लगे अश्लील पोस्टरों व सिनेमा घरों में प्रदर्शित हो रही ‘ए’ श्रेणी की फिल्मों से 12 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में इस तरह की फिल्में दिखाने वाले सिनेमाघरों में 12 साल से कम आयु के बच्चों को प्रवेश न दिया जाए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को इस बात के भी निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक जगहांे पर अश्लील और अर्द्धनग्न फोटो वाले पोस्टर न लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
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यहां बता दें कि न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की बेंच ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि शराब और नशीले पदार्थों के सेवन को महिमा मंडित करने वाले गानों व लाइव शो को भी राज्य में प्रतिबंधित किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोकगीतों में भी यदि नशे का महिमा मंडन किया जा रहा है कि उनपर भी प्रतिबंध लगाया जाए।