देहरादून। उत्तराखंड में हुए बहुचर्चित ढैंचा बीज घोटाले मामले में हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इस मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि साल 2010 में राज्य में ढैंचा बीज घोटाला सामने आया था। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायामूर्ति मनोज तिवारी की ख्ंाडपीठ ने इस याचिका को आधारहीन बताते हुए इसे खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि राज्य में हुए इस बहुचर्चित घोटाले में मुख्यमंत्री पर गलत तरीक से बीज वितरण का ठेका दिया गया था। इस पर भाजपा के पूर्व नेता रघुनाथ नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस घोटाले की जांच के लिए पंकज त्रिपाठी कमेटी भी बनाई गई थी।
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यहां बता दें कि ढैंचा बीज घोटाले में खराब हो चुके गेहूं के बीज को ऊंचे दामों पर बेचने का आरोप लगा था। साल 2005-06 में कृषि व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बीत वितरण की व्यवस्था शुरू की गई थी लेकिन इसमें बीजों को निर्धारित बाजार मूल्यों से ज्यादा कीमत पर खरीदने का आरोप लगा था। इसकी जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर रघुनाथ नेगी ने दोबारा जनहित याचिका दायर की थी।
गौर करने वाली बात है कि इस घोटाले को लेकर सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि याचिका करने वाले का संबंध राजनीति से है और वे पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे हैं ऐसे में सिर्फ राजनीतिक द्वेष की भावना से कोर्ट में याचिका दायर की गई है। ऐसे में उसे खारिज किया जाना चाहिए। अदालत ने इसके बाद इस याचिका को खारिज कर दिया।