नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सरकार को प्राथमिक सहायक अध्यापक के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करने और बैकलाॅग को दो महीने के अंदर भरने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने इस बात को साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार रिक्त पदों पर कार्यरत शिक्षा आचार्य व शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के लिए दो अवसर मिलेंगे। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार और अन्य द्वारा दायर विशेष अपीलों को निस्तारित कर दिया।
खाली पदों को भरने के निर्देश
आपको बता दें कि बीएड टीईटी पास अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर कहा था कि योग्य होने के बाद भी खाली पड़े पदों पर उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही है। सरकार ने उन्हें नियुक्ति देने के बजाय शिक्षामित्र एवं शिक्षा आचार्यों को रिक्त पदों पर नियुक्ति दे दी। इस मामले की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने शिक्षा आचार्य एवं शिक्षा मित्र के पदों को रिक्त मानते हुए नियुक्ति के आदेश पारित किए थे।
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विशेष अपील हुई खारिज
गौरतलब है कि एकलपीठ के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार, मनोज कुमार समेत अन्य ने विशेष अपील दायर की। इसके बाद न्यायाधीश न्यायामूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा दायर विशेष अपील को निस्तारित करते हुए एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा और एकलपीठ के बैकलॉग के पदों को भरने के आदेश को सही ठहराया। खंडपीठ ने दो महीने के अंदर बैकलॉग के खाली पदों को भरने का आदेश पारित किए। याचिकाकर्ता के वकील विनय कुमार ने कहा कि राज्य में एसटी के 200 से अधिक जबकि एससी के करीब 1000 पद बैकलॉग से भरे जाने हैं। यहां उल्लेखनीय है सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया है।