नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि महिला सरकारी कर्मचारियों को उनके तीसरे बच्चे के जन्म पर भी मातृत्व अवकाश दिया जाए। कोर्ट ने तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश न देने वाले नियम को असंवैधानिक बताया है। बता दें कि हल्द्वानी की उर्मिला मनीष नाम की महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कहा था कि तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश न देने को संवैधानिक भावना के खिलाफ है।
गौरतलब है कि सरकारी नियमों के अनुसार महिला सरकारी कर्मचारियों के तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश नहीं देने का प्रावधान है लेकिन हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट पूरी तरह से महिला के पक्ष में आते हुए कहा कि तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश न दिया जाने वाला नियम ही असंवैधानिक है। न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ ने कहा कि महिला को उसके तीसरे बच्चे के लिये मातृत्व अवकाश देने से इनकार करना संविधान की भावना के खिलाफ है।
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यहां बता दें कि उत्तराखंड द्वारा अपनाए गए उत्तर प्रदेश मौलिक नियमों की वित्तीय पुस्तिका के मौलिक नियम 153 के दूसरे प्रावधान में किसी महिला सरकारी कर्मचारी को तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश से इंकार किया गया है। गौर करने वाली बात है कि अदालत ने 30 जुलाई को दिए गए फैसले में कहा था कि महिला को तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश नहीं देने वाले नियम को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 42 और मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 27 के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि मानवीय आधार पर मातृत्व अवकाश दिया जाना चाहिए।