देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आने वाले दिनों में प्रदेश में कृषि और पशुपालन में तेजी आने की संभावना जताई है। इसी क्रम में पिछले दिनों राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने उत्तराखंड में कृषि क्षेत्र के लिए 3300 करोड़ का पैकेज दिया है। इसके तहत देवभूमि में पशुपालन सेक्टर को बढ़ावा दिया जाएगा। इतना ही नहीं सरकार की योजना के अनुसार, आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार भेड़-बकरी का व्यवसाय करने वालों का कायाकल्प करने जा रही है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार राज्य में मीट उत्पादन को आधुनिक ढंग से विकसित करने जा रही है। इसके बाद प्रदेश समेत अन्य राज्यों और विदेशों में हिमालयन मीट के नाम से ब्रांडिंग की जाएगी। प्रदेश में हिमालयन मीट का व्यापार किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना जताई जा रही है।
बता दें कि प्रदेश में पलायन को रोकने और राज्य के बेरोजगारों को काम देने के लिए रावत सरकार ने एक नई योजना बनाई है। सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने उत्तराखंड में कृषि क्षेत्र के लिए जो 3300 करोड़ का पैकेज दिया है उससे प्रदेश के पहाड़ी जिलों में काफी बदलाव देखे जाएंगे। सीएम रावत ने संभावना जताई कि आने वाले 5 सालों में सरकार की इस पहल से जहां कृषि और पशुपालन में तेजी आएगी। वहीं लोगों कीा सीमित आय को बढ़ाया जा सकेगा, जिसके चलते पलायन पर अंकुश लगाया जा सकेगा। राज्य सरकार इसी क्रम में उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में डेयरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देने जा रही है।
असल में सरकार अपनी योजना के तहत हिमालयन मीट को ब्रांड बनाने जा रही है। शुरुआत में ये मांस स्थानीय बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में बाजार का रुख देखने के बाद आगे की योजना बनाई जाएगी।
सरकार का मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में पशुपालन आने वाले दिनों फायदे का सौदा होगा। राज्य में भेड़-बकरी पालन करने वाले छोटे बड़े व्यवसायियों को लाभ मिलेगा । जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की शुरुआत करने जा रही है. इस परियोजना के तहत कृषि, भेड़-बकरी पालन, डेयरी व मत्स्य पालन जैसे सेक्टर में सरकार का ज्यादा फोकस रहेगा।