देहरादून। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। ऊखीमठ में हिमालयन माउंटेन होम में लोगों को स्थानीय उत्पादों के अलावा पहाड़ी तरीके से बने घरों में रहने के अलावा स्थानीय जायके का लुत्फ लेने का भी मौका मिलेगा। ऊखीमठ किमाणा गांव स्थित हिमालय माउंटेन होम में देश-विदेश के पर्यटकों को प्रकृति, पहाड़, पर्यावरण और पारंपरिक लोक संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा।
गौर करने वाली बात है कि होम स्टे योजना को बढ़ावा देने से कृषि और वानिकी उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। हिमालयन माउंटेन होम योजना के तहत पर्यटकों को राज्य की संस्कृति से भी रुबरु होने का मौका मिलेगा। पुराने घर को पहाड़ी शैली में साज-सज्जा के साथ व्यवस्थित कर उसे पर्यटकों के ठहरने लायक बनाया है। साथ ही भविष्य को देखते हुए गांव में अन्य 5 भवनों का भी चयन किया गया है, जिन्हें होम स्टे के लिए तैयार किया जाना है। पहाड़ की परंपराओं, लोक संस्कृति और अस्तित्व को बचाने के लिए इस तरह के प्रयास कारगर हो सकते हैं। कहा कि आने वाले दिनों में पर्यटकों को घुड़सवारी की सुविधा भी दी जाएगी।
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हिमालयन माउंटेन होम स्टे में ठहरने वाले पर्यटकों को पहाड़ी व्यंजन परोसे जाएंगे। यहां मंडुवे की रोटी, झिंगोरे की खीर, काली दाल व भट्ट का चौसा, गहथ का फाणू, कफलू, कंडाली की सब्जी, लाल चावल का भात, भटवाणी, थिचैंणी, काली दाल की पकोड़ी व पूरी परोसी जाएगी। हिमालयन होम स्टे में पहाड़ और उत्तराखंड सहित विभिन्न विषयों की 400 किताबें रखी गई हैं। साथ ही चित्रकारी, गायन, लोक नृत्य, वाद्य यंत्र आदि की सुविधा उपलब्ध है। यहां समय-समय पर लोक परंपराओं पर आधारित पांडव लीला, जीत बगड्वाल सहित थड्या, चौफला, झूमेलो नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।