देहरादून । उत्तराखंड सरकार ने राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक बार फिर से योजनाओं को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसके अंतर्गत होटल तथा एडवेंचर उद्योग की अन्य विधाओं को भी शामिल कर लिया गया है। पर्यटन स्वरोजगार संशोधन नियमावली 2018 के पश्चात उद्यमियों को कयाक तथा नाव संचालन, टेरेन बाइक, स्टार्गेजिंग, बर्ड वाचिंग तथा ट्रैकिंग संबंधी उपकरण आदि की खरीद तथा हर्बल टूरिज्म, फ्लोटिंग होटल के निर्माण, बेकरी की स्थापना और कैरावन अथवा मोटर होम टूरिज्म के कार्यों के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस बाबत कहा कि स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ने से राज्य में स्थानीय स्वरोजगार को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। इतना ही नहीं सरकार की इस नई व्यवस्था से स्थानीय लोगों की इन नए व्यवसायों के प्रति रुचि बढ़ेगी और राज्य में पर्यटन सुविधाओं विशेष रूप से साहसिक गतिविधियों को विस्तार दिया जा सकेगा।
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उन्होंने कहा कि योजना का विस्तार होने से राज्य में पर्यटन सुविधाएं व्यापक रूप से स्थापित की जा सकेगी। नई पर्यटन विधाओं का विकास होने से पर्यटकों का राज्य की ओर आकर्षण बढ़ेगा। साथ ही राज्य सहायता मिलने से पर्वतीय क्षेत्रों में साहसिक गतिविधियों में स्थानीय युवाओं का रुझान बढ़ेगा और पलायन जैसी समस्याओं पर लगाम कसी जा सकेगी।
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इसी क्रम में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि उक्त के अतिरिक्त किसी क्षेत्र विशेष के आकर्षणों एवं विशेषताओं के अनुरूप यदि कोई अभिनव परियोजना किसी आवेदक द्वारा प्रस्तुत की जाती है तो जिला स्तरीय समिति द्वारा इस पर विचार किया जाएगा । इसे योजना में सम्मिलित करने हेतु अपनी संस्तुति के साथ उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि संशोधन के पश्चात अब राज्य के उद्यमी योजना अंतर्गत कयाक एवं नावों का क्रय कर सकेंगे। पर्वतीय मार्गों पर यात्रा की अधिकता को देखते हुए कैरावन/ मोटर होम टूरिज्म को इस योजना में सम्मिलित किया गया है। इसके साथ ही कुछ विशेष संग्रहालय अथवा सोविनियर केंद्र भी अब योजना के अंतर्गत स्थापित किए जा सकेंगे।
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