देहरादून। गर्मी की छुट्टियों के बाद 1 जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे लेकिन शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा व्यवस्था में सुधार आने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। बता दें कि अल्पकालिक शिक्षकों की भर्ती के मामले पर हाईकोर्ट में 27 जून को सुनवाई होनी है। ऐसे में सरकार शिक्षकों की भर्ती संबंधी कोई भी फैसला नहीं ले सकती है। राज्य में शिक्षकों के कुल 6 हजार पद खाली पड़े हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिथि शिक्षकांे की सेवाएं भी समाप्त हो चुकी हैं। शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यूपी मूल के 150 शिक्षकों को वापस जाने से रोक दिया है।
छात्रों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
गौरतलब है कि राज्य की स्कूली शिक्षा व्यवस्था शिक्षकों की कमी के चलते खस्ताहालत में हैं। ऐसे में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं भी खत्म होने से सरकार के सामने इसे पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है। गर्मी की छुट्टियों के बाद अब 1 जुलाई से सभी स्कूल खुल जाएंगे। ऐसे में नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से ही शिक्षकों का संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है। अल्पकालिक शिक्षकों की भर्ती का मामला कोर्ट में है। इस पर 27 जून को सुनवाई होनी है। पिछली सरकार की अल्पकालिक भर्ती नियमावली भी कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में जुलाई के पहले सप्ताह से शिक्षकों की तैनाती मुश्किल ही लग रही है। इन सबका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा।
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शिक्षकों की तैनाती में होगी देरी
शिक्षा व्यवस्था ज्यादा खराब न हो इसके लिए शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी के आदेश के बाद यूपी मूल के करीब 150 शिक्षकों के मामले में कार्रवाई रोक दी गई है। आपको बता दें कि इन शिक्षकों को वापस जाने के लिए एनओसी मिल चुकी है। ये कुछ दिनों के भीतर कार्यमुक्त हो जाएंगे। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला कोर्ट में है। सरकार की कोशिश थी कि 1 जुलाई से सभी स्कूलों में शिक्षक तैनात कर दिए जाएं लेकिन अब इसमें थोड़ा समय लगेगा।