देहरादून। उत्तराखंड के मशहूर वेटलैंड, आसन में प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों में लगातार कमी आती जा रही है। वैज्ञानिकों की शोध में इस बात का पता चला है कि झील के किनारे पर बढ़ते मानवीय दखल की वजह से ऐसा हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आसन बैराज के दोनों ओर सड़कों का निर्माण और लगातार गाड़ियों की आवाजाही की वजह से पक्षियों को प्राकृतिक माहौल नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते प्रवासी पक्षियों कर तादाद में लगातार कमी आती जा रही है।
गौरतलब है कि पहले आसन बैराज में करीब 300 से ज्यादा प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां आती थी लेकिन बढ़ते मानवीय दखल के बाद इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है और यह अब 100 के करीब सिमट कर रह गई है। पक्षियों के ऊपर शोधा करने वाली संस्था के अनुसार जंगलों की कटाई और बढ़ते निर्माण के चलते प्रवासी पक्षियों की तादाद में भारी कमी आई है।
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यहां बता दें कि भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग (जेडएसआई) ने बताया कि राज्य में आने वाले पर्यटकों के बैराज के काफी करीब आ जाने और से पक्षियों को प्राकृतिक माहौल नहीं मिल पा रहा है। जेडएसआई पक्षी विशेषज्ञ डा. अनिल कुमार ने बाताया कि पक्षियों को जितना ज्यादा प्राकृतिक माहौल मिलेगा उतना ही उनकी तादाद में बढ़ोतरी होगी। आसन बैराज में पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए सबसे पहले वहां पर मानव हस्तक्षेप कम से कम करना होगा। उन्होंने बताया कि बैराज क्षेत्र में पर्यटकों की सीधी एंट्री पर रोक लगानी चाहिए। बैराज से कुछ दूरी पर टॉवर लगाये जाने चाहिए, ताकि पर्यटक दूर से ही पक्षियों को देख सकें। मुख्य क्षेत्र से दूर टेलिस्कोप लगाये जाने चाहिए। बैराज के आस पास निर्माण कार्य पर रोक लागाने से भी पक्षीयों की संख्या बढ़ेगी।