रुड़की। राज्य के बच्चों में विज्ञान और तकनीक के प्रति दिलचस्पी पैदा करने में आईआईटी के छात्र मदद करेंगे। जी हां, केन्द्र द्वारा पोषित सर्व शिक्षा अभियान के तहत आईआईटी पांच गांवों को गोद लेगी और वहां के प्राईमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को नए तरीके से शिक्षा देंगे। आईआईटी के छात्र सप्ताह में एक दिन स्कूलों में जाकर इन बच्चों को पढाएंगे। बता दें कि प्रदेश में इस अभियान से आईआईटी के छात्र पहली बार जुड़ रहे हैं।
आईआईटी के 100 छात्र जुड़े
गौरतलब है कि आईआईटी के छात्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत इंटरमीडियट कॉलेजों के बच्चों की कक्षाएं ले रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सात स्कूलों को गोद लिए हैं। आपको बता दें कि इस अभियान से संस्थान में विभिन्न ब्रांचों के बीटेक, एमटेक और पीएचडी के 100 छात्र जुड़े हुए हैं।
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प्राईमरी स्कूलों में माॅडर्न शिक्षा
बड़े स्कूलों में इस प्रक्रिया से मिली सफलता के बाद सरकार अब इसे प्राईमरी स्कूलों में भी लागू करने जा रही है। इंटर स्कूलों में पढ़ा रहे छात्रों को ही अब सर्वशिक्षा अभियान से जोड़ा जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। राष्ट्रीय आविष्कार अभियान की नोडल अधिकारी डॉ स्मिता झा के अनुसार पिछले दिनों ही राज्य में सर्वशिक्षा अभियान के कार्यक्रम अधिकारी ने उनसे इस बारे में बात की थी जिसे संस्थान की तरफ से मंजूरी दे दी गई। सर्वशिक्षा अभियान के तहत दी जाने वाली आधुनिक शिक्षा के लिए पहले चरण में रुड़की और इसके आसपास के पांच प्राइमरी स्कूलों को गोद लेने का फैसला लिया गया है। बहुत जल्द ही स्कूलों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। आईआईटी के छात्र प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के पढ़ने, लिखने, सीखने और बोलने के अभ्यास पर ज्यादा ध्यान देंगे। प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी के छात्र बच्चों के लिए मॉडल और चार्ट तैयार करेंगे, ताकि उन्हें गणित और विज्ञान की पढ़ाई खेल-खेल में सिखाई जा सके।