देहरादून। किसानों की आय को दोगुना करने की केंद्रीय योजना को उत्तराखंड सरकार ने पूरी तरह से अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया कि किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट काॅरपोरेशन (एनसीडीसी) उत्तराखंड को 3641.91 करोड़ रुपये तीन सालों में देगी। इससे प्रोग्राम फॉर डेवलपमेंट इंटीग्रेटेड को-आॅपरेटिव डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का संचालन किया जाएगा। पहले साल में एनसीडीसी द्वारा 799.63 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान से किसान भेंड़, बकरी पालन, मछली पालन, डेयरी व्यवसाय, सगंध पादप, रेशम उद्योग, जड़ी बूटी और मुर्गी पालन जैसे व्यवसायों को अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किसानों की आय को दोगुना करने की योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य की क्षमताओं के अध्ययन के अनुसार किसानों की आमदनी बढ़ाई जाए। इसके लिए जड़ी बूटी, सगंध पादप, ट्राउट, महासीर मछली, दुग्ध उत्पादन और रेशम उत्पादन आदि क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर लिया गया है। क्लस्टर के आधार पर इनका विकास कर किसानों की आय को दोगुना करने की योजना तैयार की जा रही है।
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यहां बता दें कि किसानों के लिए शुरू की जाने वाली योजना को सहकारिता 4000 को-आॅपरेटिव सोसाइटीज और 30 पैक्स के माध्यम से लागू करेगा। इसके लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट डायरेक्टर की तैनाती की जाएगी। जिलों में डीपीएमयू का गठन किया जाएगा। इसके लिए को-आपरेटिव कलेक्टिव फार्मिंग, को-आपरेटिव पार्टनरशिप और को-आॅपरेटिव कॉर्पोरेट पार्टनरशिप की नई पहल की जाएगी। बताया गया कि इससे लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रुकेगा और किसानों की उपज का वैल्यू चेन के जरिए बाजार मिलेगा, महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।