देहरादून। गंगोत्री के एक अस्पताल में अवैध तरीके से किडनी की खरीद-फरोख्त में नया खुलासा हुआ है। इसके तार अब अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ते नजर आ रहे हैं। इसमें आरोपी डाॅक्टर अमित राउत के साथ उसके बेटे अक्षत राउत की भी मिलीभगत सामने आई है। इस खबर से ऐसा लग रहा है कि उत्तराखंड मानव तस्करी का अड्डा बनता जा रहा है। मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। एसएआईटी टीम का गठन भी कर दिया गया है। एसआईटी का नेतृत्व दून की एसपी ग्रामीण, सरिता डोबाल करेंगी, जबकि टीम में आइपीएस मंजूनाथ टीसी, आइपीएस लोकेश्वर सिंह, डोईवाला में दर्ज मामले के इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर समेत एलआइयू इंस्पेक्टर को भी शामिल किया गया है। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि बाप-बेटे के साथ ही चार विदेशी नागरिकों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया है।
अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क
गौरतलब है कि देहरादून के लालतप्पड़ इलाके में चल रहे अवैध किडनी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था। इसमंे मुख्य आरोपी डाॅक्टर अमित राउत को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। अब इस रैकेट के तार अन्तरराष्ट्रीय तस्करों से जुड़ते जा रहे हैं। राज्य की पुलिस ने दोनों आरोपी बाप-बेटे के साथ चार विदेशी नागरिकों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया है। बता दें कि आरोपी डाॅक्टर मूलरूप से दिल्ली का रहने वाला है। दोनों बाप-बेटे मिलकर अब तक करीब 500 से ज्यादा किडनियां बेच चुके हैं। इनके दून से लेकर महाराष्ट्र, गुरुग्राम और गुजरात से लेकर विदेशों तक फैले नेटवर्क का भी खुलासा हुआ है।
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तलाश में जुटी पुलिस
आपको बता दें कि पुलिस इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा रही है। आरोपियों की तलाश में दून पुलिस की टीमें हरियाणा एवं शिमला में भी खाक छान रही है। इस बीच गिरफ्तार किडनी एजेंट जावेद खान को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने किडनी बेचने वाले एक युवक और एक महिला का दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल कराया है जिसमें दोनों की किडनी निकाले जाने की पुष्टि हुई। यहां यह बता दें कि डाॅक्टर अमित को लीज पर अस्पताल दिलवाने वाले बिचैलिए डाॅक्टर राजीव को भी पुलिस ढूंढ़ने में जुटी है लेकिन उसका फोन स्विच आॅफ आ रहा है। एक दिन पहले उसकी लोकेशन हरियाण और शिमला में मिली थी।
नाम बदलकर चला रहा गोरखधंधा
दून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि जांच में पता चला कि डाॅक्टर अमित 1993 से किडनी का अवैध धंधा कर रहा है। उसे एक बार सजा भी हो चुकी है लेकिन जेल से छूटने के बाद ने हरियाणा के गुरुग्राम में फिर से मानव अंगों का खरीद-फरोख्त शुरू कर दी। यहां से फरार होने के बाद उसने उत्तराखंड में गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल लीज पर लेकर अपना अवैध कारोबार शुरू किया। एसएसपी ने यह भी बताया कि डाॅक्टर अमित अलग-अलग जगहों पर नाम बदल-बदल कर यह धंधा चला रहा था। अब तक मिले पांच बैंक अकाउंट से हुई लेनदेन का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है।