देहरादून। उत्तराखंड सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। डीएलएड ब्रिज कोर्स का विरोध कर रहे विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को जूनियर हाई स्कूल के शिक्षकों का भी साथ मिल गया है। उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े हरिद्वार जिले के शिक्षकों ने सोमवार को मांगों के समर्थन में शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया। इस दौरान प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने उनके आंदोलन को समर्थन की घोषणा कर दी। मांगें पूरी न होने पर जूनियर शिक्षकों ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है।
अंधेरे में भविष्य
गौरतलब है कि धरने के दौरान प्राथमिक शिक्षकों ने मांग की कि 3 सितंबर 2001 के बाद नियुक्त और सरकारी संस्थान से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त बीएड, सीपीएड, डीपीएड, बीपीएड, मृतक आश्रित और उर्दू शिक्षकों को ब्रिज कोर्स और डीएलएड प्रशिक्षण से बाहर रखा जाए। बता दें कि राज्य में ऐसे हजारों शिक्षक हैं जिन्हें सरकार ने एनसीटीई से मान्यता मिलने के भरोसे विशिष्ट बीटीसी का कोर्स करवा दिया और उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान पर नियुक्ति दी गई। अब एनसीटीई ने उन्हें मान्यता देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में उनके भविष्य पर तलवार लटक गई है।
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जूनियर शिक्षकों की चेतावनी
आपको बता दें कि विशिष्ट बीटीसी का कोर्स कर चुके शिक्षकों ने 17 साल तक अपनी सेवाएं दी हैं। अब उनकी मान्यता खत्म कर दी गई है ऐसे में उनका भविष्य अंधकारमय होने का अंदेशा सताने लगा है। धरने पर बैठे शिक्षकों ने संयुक्त निदेशक बेसिक सुभाष चंद्र भट्ट को ज्ञापन दिया। वहीं जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सिंह चैहान ने सरकार को इस बात की चेतावनी भी दी कि अगर शिक्षकों को डीएलएड और ब्रिज कोर्स में छूट नहीं मिली तो पूरे राज्य में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।