देहरादून। देहरादून में अवैध तरीके से चल रहे किडनी रैकेट मामले में स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कई तथ्यों का खुलासा हो रहा है। विभाग की रिपोर्ट में इस बात का भी पता चला है कि उसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता था। लालतप्पड़ इलाके में स्थित गंगोत्री अस्पताल में किडनी के कारोबार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट पुलिस प्रशासन को दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में चार बेड का हाईटेक आईसीयू है। साथ ही दो डायलिसिस मशीनें और दो ऑपरेशन थिएटर(ओटी) भी हैं। बता दें कि किडनी ट्रांसप्लांट के दौरान चार विदेशी नागरिकों की मौत भी हो चुकी है।
ट्रांसप्लांट भी अस्पताल में ही
गौरतलब है कि विशेषज्ञों की राय के अनुसार किडनी निकालने से एक दिन पहले मरीज को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। उसके बाद किडनी निकाली जाती है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि अस्पताल में मौजूद आॅपरेशन थियेटर में ही किडनी निकालकर दूसरे को लगा दी जाती थी। ऐसा इसलिए कियास जाता था क्योंकि किडनी निकालने के 72 घंटों के अंदर उसे दूसरे व्यक्ति को लगाना पड़ता है।
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चार बैंक खातों का खुलासा
आपको बता दें कि अस्पताल में ट्रांसप्लांट से जुड़ी दवाएं और उपकरण मिलने की वजह से स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने यही मान रही है कि अस्पताल के अंदर ही ट्रांसप्लांट किया जाता था। सीएमओ डा. टीसी पंत ने बताया कि जांच रिपोर्ट एसएसपी को दे दी है। अब आगे का काम पुलिस ने करना है। किडनी रैकेट की जांच कर रही टीम को रैकेट संचालक के बेटे डॉ. अक्षय संतोष राउत के चार बैंक खाते मिले हैं जिसमें इंडसइंड बैंक खाते में 72 लाख रुपये जमा हैं।