देहरादून। मौसम की बेरुखी ने सरकार के साथ वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ा दी है। इसके लिए सरकार की तरफ से अब प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उत्तराखंड में बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि यदि बारिश जल्द नहीं होती है तो राज्य के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने राज्य में जनवरी महीने के आखिर में बारिश होने की संभावना जताई है।
वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है। वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम चक्र तेजी से आगे खिसक रहा है। पहले जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड के ऊंचे क्षेत्रों में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में बर्फबारी होती थी। अब ये बर्फबारी जनवरी, फरवरी और यहां तक कि मार्च तक जा रही है। ऐसे में अगर समय पर बारिश और बर्फबारी नहीं होने से राज्य में खतरा बढ़ सकता है।
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उद्यान निदेशक ने तलब की रिपोर्ट
यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि उद्यान निदेशक बीएस नेगी ने बताया कि अमूमन 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच बर्फबारी से सेब, बेर और आड़ू को चिलिंग पीरियड मिल जाता है लेकिन इस बार बर्फबारी देर हो गई है। बर्फबारी कम होने की वजह से हुए नुकसान को देखते हुए सभी जिला उद्यान अधिकारियों से बगीचों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। कृषि निदेशक ने कहा कि अगर 30 जनवरी तक बारिश नहीं हुई तो राज्य में संकट पैदा हो सकता है। इसे देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है।
23 जनवरी को राज्य में बारिश के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 23 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है। जिस कारण राज्य में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बन रही है। विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देखना यह होगा कि ये दबाव कितना मजबूत होता है। अगर बारिश मध्यम रही तो पहाड़ में अच्छी बर्फबारी हो सकती है।