देहरादून। राज्य में अब जमीन खरीदने का सपना महंगा हो सकता है। राजस्व में इजाफा करने के मसद से सरकार ने आबादी वाले क्षेत्रों और खेती की जमीनों के सर्किल रेट बढ़ा दिए हैं। बता दें कि सर्किल रेट में बढ़ोतरी 2 सालों के बाद की गई है। शुक्रवार को मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में सभी 13 जिलों में सर्किल रेट बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगा दी गई। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जिलों में गैर कृषि और कृषि भूमि के सर्किल रेट अन्य जिलों की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ाए गए हैं।
जमीनों के दाम बढ़े
गौरतलब है कि जमीनों के सर्किल रेट को बढ़ाने का फैसला 2016 में लिया गया था लेकिन भारी विरोध के बाद सरकार को इसे वापस लेना पड़ा था। इसके बाद सर्किल रेट में 50 फीसद तक कमी की गई थी। इसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा नोटबंदी करने के बाद जमीनों की खरीद-फरोख्त का धंधा काफी गिर गया था। ऐसे में सरकार सर्किल रेट बढ़ाने का साहस नहीं जुटा पाई। अब मंत्रिमंडल ने यह फैसला ले लिया है। राज्य में करीब 35 नगर निकायों की सीमाओं के विस्तार के बाद ग्रामीण क्षेत्रों को नगरों के दायरे में लाने के साथ ही सर्किल रेट में वृद्धि पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी।
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कैबिनेट के अहम फैसले
-देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिले में आबादी क्षेत्रों में अकृषि भूमि के सर्किल रेट में दो फीसद से 233 फीसद तो कृषि भूमि में नौ फीसद से 400 फीसद तक वृद्धि
-राज्य के पर्वतीय जिलों में गैर कृषि और कृषि भूमि के सर्किल रेट में तीन से 15 फीसद वृद्धि
-अल्मोड़ा, टिहरी और ऊधमसिंहनगर जिले के सितारगंज के कुछ क्षेत्रों में 30 फीसद तक घटे सर्किल रेट
-आबादी क्षेत्रों में सर्वाधिक सर्किल रेट में नैनीताल में 60 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर, हरिद्वार में 56300 रुपये प्रति वर्गमीटर और ऊधमसिंहनगर जिले में चुनिंदा स्थानों पर 21 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर तय हुईं दरें, देहरादून में राजपुर रोड में सर्वाधिक 50000 रुपये प्रति वर्गमीटर सर्किल रेट में नहीं हुआ इजाफा
-नगर निकायों के सीमा विस्तार में शामिल नए ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाई गई हैं भूमि की दरें
-सड़कों का जाल बिछना और नए नगरीय क्षेत्रों में शामिल होना रहा सर्किल रेट बढ़ने का आधार