चमोली। उत्तराखंड में हल्की बारिश के बाद ही पहाड़ों के दरकने का सिलसिला शुरू हो गया है। जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सलधार के करीब पहाड़ों से चट्टान के टूटने से सड़क पर भारी मात्रा में मलबा गिरने से रास्ता पूरी तरह से बाधित हो गया है। बताया जा रहा है कि यह हाईवे तिब्बत सीमा को जोड़ता है। रास्ते के बंद होने से सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की आवाजाही ठप हो गई है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के अधिकारियों ने मंगलवार को देर शाम तक हाईवे के सुचारु होने की बात कही है। बता दें कि प्रदेश के कई इलाकों में 10 से 12 दिसंबर के बीच बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई है।
गौरतलब है कि राज्य के कई इलाकों में ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है। इसकी वजह से न सिर्फ पहाड़ी बल्कि मैदानी इलाकों में भी ठंड में जबर्दस्त इजाफा हो गया है। ठंड के बढ़ने से स्थानीय लोगों की परेशानियां काफी बढ़ गई हैं। बता दें कि मौसम विभाग ने भी आने वाले दिनों में और बर्फबारी होने की संभावना जताई है।
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बताया जा रहा है कि सोमवार शाम को मलारी हाईवे पर सलधार के पास अचानक चट्टान टूटने से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर हाईवे पर आ गए। इस दौरान क्षेत्र में हल्की बारिश भी हो रही थी। इस बात की गनीमत रही कि भूस्खलन के दौरान किसी वाहन की आवाजाही नहीं हो रही थी। सीमा सड़क संगठन की ओर से सड़क को खोलने का काम जारी है। अधिकारियों ने मंगलवार की शाम तक ही रास्ते पर आवाजाही शुरू होने की संभावना जताई है।