देहरादून। राज्य सरकार द्वारा खाली पड़े पदों का सिर्फ 10 फीसदी ही तबादला करने के आदेश के बाद राज्य के शिक्षकों ने भी राहत की सांस ली है। बता दें कि नए तबादला एक्ट के दायरे में बड़ी संख्या में शिक्षक आ रहे थे। शासनादेश के बाद शिक्षा महकमे को तबादलों के पात्र शिक्षकों और शिक्षणोत्तर कार्मिकों का ब्योरा फिर से तैयार करना होगा। वहीं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि बीमार शिक्षकों के राज्य मेडिकल बोर्ड से बने प्रमाणपत्रों की दोबारा जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि तबादला एक्ट में विभागानुसार कुल खाली पदों के मुताबिक तबादले की व्यवस्था में ढील दिए जाने का असर शिक्षकों के अनिवार्य और अनुरोध के आधार पर होने वाले तबादलों पर भी पड़ेगा। अब नए आदेश के बाद अनिवार्य के साथ ही अनुरोध के आधार पर तबादला चाहने वालों के लिए भी पदों में कटौती होगी। सरकार के आदेश के बाद शिक्षा महकमे में तबादले के पात्र शिक्षकों की संख्या में बड़े पैमाने पर कमी आने वाली है। तबादला एक्ट के प्रावधान में शिथिलता देने के सरकार के आदेश के बाद अनिवार्य और अनुरोध के लिए आवेदन करने वाले पात्र शिक्षकों की सूची दोबारा तैयार की जाएगी।
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यहां बता दें कि गंभीर रूप से बीमारी के आधार पर तबादला के लिए प्रयासरत शिक्षकों के राज्य मेडिकल बोर्ड से बने प्रमाणपत्रों की जांच शिक्षा विभाग करेगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि इन प्रमाणपत्रों की जांच के बाद ही तबादलों में गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों को राहत मिल सकेगी। इन प्रमाणपत्रों के सही पाए जाने के बाद शिक्षा विभाग के द्वारा मुख्य सचिव को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।