देहरादून। देश की रक्षा में उत्तराखंड के नौजवानों और अधिकारियों ने हमेशा से ही अग्रणी भूमिका निभाई है। जम्मू कश्मीर में 7 दुर्दांत आतंकियों को मौत के घाट उतारने वाले उत्तराखंड के मेजर प्रीतम सिंह कुंवर को शांति काल का सबसे बड़ा सम्मान कीर्ति चक्र से नवाजा जाएगा। 23 अप्रैल को राष्ट्रपति उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
गौरतलब है कि कीर्ती चक्र सैनिकों को असाधारण वीरता, प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। महावीर चक्र के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है। बता दंे कि पिछले साल मार्च के महीने में चमोली के पीपलकोटी इलाके के रहने वाले मेजर प्रीतम सिंह कुंवर ने जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने वाले 7 पास्तिानी आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया था। बता दें कि आतंकी हमले के दौरान अपनी जान की परवाह न करने वाले 5 जवानों को कीर्ति चक्र से सम्मानित करने की घोषणा हुई थी। इनमें से 3 जवानों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है जबकि गढ़वाल राईफल के मेजर प्रीतम सिंह कुंवर और सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन कुमार चीता को अद्भुत रणकौशल दिखाने के लिए सम्मान दिया जा रहा है।
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गौर करने वाली बात है कि 26 मई 2017 को उरी सेक्टर में 4 गढ़वाल राईफल के मेजर प्रीतम सिंह कुंवर के नेतृत्व में 17 सदस्यीय टीम ने लंबी मुठभेड़ के बाद 7 आतंकवादियों को मार गिराया था। वहीं चेतन कुमार चीता भी जम्मू-कश्मीर के हाजिन सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेते हुए बुरी तरह जख्मी हुए थे। उन्हें 9 गोलियां मारी गई थीं लेकिन वो इससे उबरकर फिर से जंग के मैदान में लौटने के लिए कमर कस रहे हैं। चीता मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। मेजर प्रीतम सिंह कुंवर को कीर्ति चक्र सम्मान मिलने से पूरी चमोली जिले में खुशी की लहर है।