रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड की बेटियों ने भी हर स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस कड़ी में ममता पुजारी का नाम भी अब जुड़ गया है। ममता राज्य की पहली कमर्शियल महिला ड्राइवर बन गई हैं। गाड़ी चलाने के अपने शौक को ममता ने अपना पेशा बना लिया और राज्य की सहेली ट्रस्ट की ओर से उन्हें कमर्शियल महिला ड्राइवर का लाईसेंस दिया गया। बता दें कि सहेली ट्रस्ट जल्द ही शहर में महिला कैब की शुरुआत करने जा रही है।
ट्रस्ट की वैन चलाती हैं
गौरतलब है कि 33 साल की ममता पुजारी रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी इलाके की रहने वाली हैं। उनका कहना है कि परिस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं ऐसे में कोई भी काम सीखने में कोई बुराई नहीं है। बता दें कि ममता को शुरू से ही गाड़ियां चलाने का शौक रहा है। नौकरी के अभाव में उनके लिए जीवन चलाना मुश्किल हो रहा था ऐसे में जब उन्हें ड्राइवर की नौकरी का पता चला तो उन्हें फौरन आवेदन भी कर दिया। वहीं ट्रस्ट की ओर से एक नई पहल के रूप में लेते आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि ममता फिलहाल ट्रस्ट में काम कर रही लड़कियों को लाने और ले जाने का काम कर रही हैं और वह संस्था की ही वैन चलाती हैं।
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सरकार से महिला कैब सेवा शुरू करने का अनुरोध
आपको बता दें कि ममता पुजारी ने प्रदेश सरकार से भी यह अनुरोध किया है कि सरकारी स्तर पर कैब सेवा शुरू की जाती है तो पूरे राज्य में लड़कियों की सुरक्षा को और बेहतर बनाया जा सकेगा। ममता पुजारी का कहना है कि सरकार के स्तर पर ऐसी सेवा के शुरू होने से महिलाओं और लड़कियों को कैब सुरक्षा मिलने के साथ, महिला चालक के फील्ड में आने का मौका मिलेगा। ममता ने कहा कि मुझे कॉमर्शियल महिला ड्राइवर बनने में बेहद खुशी हो रही है। ममता की दो बड़ी बहनें भी हैं और दोनों की शादियां हो चुकी हैं ऐसे में वह अपने माता-पिता की इकलौता सहारा हैं। सहेली संस्था के ट्रस्टी नितिन पांडे का कहना है कि कम पढ़े लिखे होने के कारण महिलाएं स्वयं को कमजोर समझती हैं। उन्हें नौकरी के अवसर नहीं मिल पाते। ऐसे में उनका कोई न कोई हुनर उन्हें आगे लाता है जिस तरह से ममता का हुनर उसे आगे लाया। गाड़ी चलाने में मास्टर ममता आज उत्तराखंड की पहली कॉमर्शियल महिला ड्राइवर बन गई है।