देहरादून। किडनी ट्रांसप्लांट के गोरखधंधे वाले मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने किडनी रैकेट के मास्टर माइंड डाॅक्टर अमित राउत और उसके भाई जीवन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इन दोनों को हरियाणा के पंचकुला से गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि अमित देहरादून स्थित गंगोत्री चेरिटेबल अस्पताल में किडनी की खरीद फरोख्त में वांटेड था। 24 सालों में वह 500 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कर चुका है। उसके ज्यादातर ग्राहक विदेशी थे। डाॅक्टर अमित के इस गोरखधंधे में उसका बेटा डाॅक्टर अक्षय राउत भी साथ दे रहा था।
विदेशी नागरिकों की तलाश में जुटी पुलिस
गौरतलब है कि गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में चलाए जा रहे इस गोरखधंधे का ज्यादातर शिकार विदेशी नागरिकों को बनाया जाता था। इसमें चार विदेशी नागरिकों की मौत भी हो चुकी है। यहां बता दें कि पुलिस ने उस एंबुलेंस के ड्राइवर से भी पूछताछ की थी जिसने आखिरी बार अमित को छोड़ा था। बता दें कि डाॅक्टर अमित के पास आयुर्वेद की डिग्री थी लेकिन वह धड़ल्ले से सर्जरी करता था। महज 3 महीने में ही उसने 50 लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट कर दिया था। इस सिलसिले में वह कई बार वह जेल भी जा चुका है। इसका धंधा खाड़ी देशों तक फैला हुआ था। फिलहाल किडनी खरीदने के मामले में दून पुलिस को ओमान के उन 4 नागरिकों की भी तलाश है, जिन्होंने 28 अगस्त से 10 सितंबर के बीच यहां आकर किडनी ट्रांसप्लांट कराई थी।
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डाॅक्टर राजीव से मिलीभगत
आपको बता दें कि डाॅक्टर अमित और उसके भाई की गिरफ्तारी से उसके डाॅक्टर राजीव के साथ मिलीभगत का भी पता चल गया। नेचर विला स्थित दोनों के ठिकानों पर चार घंटे चली तलाशी के दौरान उत्तरांचल डेंटल कॉलेज और गंगोत्री चैरिटेबिल अस्पताल के बीच हुए लीज एग्रीमेंट के दस्तावेज, तीन बैंक अकाउंट समेत अमित पर दर्ज आधा दर्जन से अधिक मुकदमों से संबंधित कागजात मिले हैं। तलाशी के दौरान राजीव की पत्नी अनुपमा भी घर पर मौजूद थी।