देहरादून। सेना द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के हेलीकाॅप्टर को नहीं उतरने देने की घटना के बाद मंगलवार को सेना के अधिकारियों और सरकार के बीच बात की गई है। हालांकि इस बात का कुछ पता नहीं चला कि किन बातों पर निर्णय लिया गया। सेना की तरह से कहा गया है कि सेना और राज्य सरकार के बीच हो रहे विवाद का स्थाई निपटारा जरूरी है और इसके लिए केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ेगा।
चर्चा के बिंदुओं का खुलासा नहीं
बता दें कि रविवार को सेना के अधिकार ने हैलीपैड पर ड्रम रख दिया था जिसकी वजह से सीएम का हेलीकाॅप्टर नियत जगह पर नहीं उतर पाया था। इस बात को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी। लैंडिंग को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद सचिवालय में मुख्य सचिव और प्रदेश के डीजीपी की मौजूदगी में सेना के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। करीब आधे घंटे चली बैठक में किन बातों पर चर्चा की गई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
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विवादों के स्थायी समाधान की है दरकार
सेना और आम लोगों के बीच आए दिन होने वाले विवादों को खत्म करने के लिए इन मामलों का स्थायी समाधान किए जाने की जरूरत है, लेकिन यह प्रक्रिया राज्य सरकार और सेना के स्थानीय प्रशासन की सहमति से संभव नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर पर ही पहल करनी होगी। जब तक रक्षा मंत्रालय के स्तर पर सेना क्षेत्र के बीच से गुजरने वाले रास्तों का विकल्प और जमीनों को लेकर फैसला नहीं होता, तब तक यह विवाद खत्म नहीं हो सकते हैं। राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार होने के कारण ऐसी संभावना बन सकती है लेकिन इसके लिए राज्य सरकार को पहल करनी होगी।