देहरादून। उत्तराखंड में बिजली की व्यवस्था को दुरुस्त करने के मकसद से अब इसे निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए ऊर्जा निगम में मीटर रीडिंग लेने और बिल जारी करने का काम निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। बता दें कि बिलिंग सिस्टम में खामियों के चलते उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार मीटर रीडर मौके पर जाने के बजाय अपने हिसाब से रीडिंग दर्ज कर देते हैं तो कभी सही मीटर को भी खराब दिखा दिया जाता है। इतना ही नहीं कभी रीडिंग दर्ज ही नहीं होती और कई महीनों का बिल एक साथ भेज दिया जाता है।
दूसरे काम में लगेंगे कर्मचारी
गौरतलब है कि ऊर्जा निगम में अभी तक इस काम में अधिकांश उपनल के माध्यम से नियुक्त एक्स सर्विस मैन लगे हैं। ऊर्जा निगम प्रबंधन का कहना है कि इन कर्मचारियों को दूसरे काम में लगाया जाएगा। मीटर रीडिंग के काम से हटाए जाने से कर्मचारियों में काफी नाराजगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऊर्जा निगम में निजीकरण की तैयारी की जा रही है।
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एप आधारित बिलिंग सिस्टम
आपको बता दें कि ऊर्जा निगम अब एंड्राॅयड एप आधारित बिलिंग सिस्टम शुरू करने जा रहा है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। गौर करने वाली बात है कि जिस कंपनी को इसकी जिम्मेदारी मिलेगी वही एप तैयार करेगी और मीटर रीडिंग कर बिल जारी भी करेगी। नए साल में 1 जनवरी से हरिद्वार, रुड़की और रुद्रपुर से इस योजना को शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
निजीकरण की साजिश
ऊर्जा निगम की इस कार्रवाई का विरोध करत हुए कर्मचारी संगठनों के संयुक्त संघर्ष मंच के गढ़वाल मंडल प्रवक्ता दीपक बेनीवाल ने कहा कि राज्य में बिजली के निजीकरण की साजिश की जा रही है। रीडिंग और बिलिंग से एक तरह से इसकी शुरुआत की गई है। जल्द ही होने वाली मंच की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। निगम के मुख्य अभियंता ने कहा कि उपनल और स्थाई तौर पर मीटर रीडिंग के काम में लगे कर्मचारियों को दूसरे काम में लगाया जाएगा।