देहरादून। राज्य में सत्ता परिवर्तन और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे के बाद त्रिवेन्द्र रावत सरकार भी एक्शन में आ गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने दिव्यांगजनों के कल्याण को सरकार की प्राथमिकता बताया वहीं सरकार के एक्शन में होने का उदाहरण पेश किया सहकारिता और उच्च शिक्षा मंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने। रावत ने पदभार संभालते ही उन्होंने राज्य में सहकारी समितियों में नामित सरकारी सदस्यों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इसके साथ ही उत्तरकाशी के सहकारी बैंक में चतुर्थ और अन्य श्रेणियों की भर्ती को भी निरस्त कर दिया है।
दिव्यांगों का होगा कल्याण
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून में आर्थोटिक्स एण्ड प्रोस्थैटिक एसोसिएशन आॅफ इंडिया की तरफ से आयोजित सम्मेलन ‘मिडकाॅन 2017’ का शुभारंभ करते हुए बताया कि राज्य में दिव्यांगजनों का कल्याण सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह संवेदनाओं से जुड़ा मामला है। सरकार इसके लिए उन्हें वरीयता है। रावत ने कहा के राज्य में आयुर्वेदिक पौधों की बहुतायत है। ऐसे में उनपर शोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थोटिक्स एण्ड प्रोस्थैटिक विज्ञान की ऐसी शाखा है जिसमें दिव्यांगों के शरीर का पुनर्वास करने के लिए काम किया जाता है।
उत्तराखंड को मिला 33 नहरों का स्वामित्त्व, त्रिवेन्द्र रावत ने ‘योगी’ को दिया धन्यवाद
सरकारी काॅलेज में ड्रेसकोड
गौरतलब है कि उत्तराखंड में अपने कार्यालय का पदभार संभालने के बाद ही सहकारिता और उच्च शिक्षा मंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने कई अहम फैसले लिए। उन्होंने सहकारी समितियों से जुडे सरकारी सदस्यों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। इसके साथ ही उन्होंने सोयाबीन फैक्ट्री हल्दूचैड़ एवं सहकारी ड्रग फैक्ट्री रानीखेत में खातों एवं अन्य पहलुओं की जांच के आदेश भी दिए हैं। एक अन्य अहम फैसले के तहत उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुशासन को बनाए रखने के लिए सरकारी काॅलेजों में भी ड्रेस कोड लागू किया जा सकता है।