देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को स्वच्छ और खूबसूरत बनाने के लिए सरकार की तरफ से एक अनोखी पहल की जा रही है। 19 मई से दून शहर के बीच बहने वाली रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए इसके उद्गम स्थल से आखिरी छोर तक वृक्षारोपण और साफ-सफाई का कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। देहरादून के जिलाधिकारी एस ए मुरुगेशन ने बताया कि लंढौर से लेकर शिखर फाॅल तक और मोथोरावाला के पास संगम क्षेत्र- जहां रिस्पना और बिंदाल का संगम होता है, में लगभग 2 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। जिलाधिकारी ने इसमें स्थानीय लोगों, एनजीओ, संस्थाओं और विद्यालयों से हिस्सा लेने का आह्वान किया है। सरकार के इस कार्यक्रम में सेना के जनअभियान, पुलिस तथा वन विभाग द्वारा भी मिशन रिस्पना में सहयोग करेंगे।
गौरतलब है कि वृक्षारोपण के कार्यक्रम को छोटे-छोटे ब्लाॅकों में बांटा गया है ताकि लोगों को परेशानियों का समाना न करना पड़े। हर ब्लाॅक 2500 वर्ग मीटर का है जिसमें 250 पौधे लगाए जाएंगे, यह दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में शनिवार 19 मई, 2018 को गढ्ढे खोदे जाएंगे फिर दूसरे चरण में जुलाई 2018 के दूसरे हफ्ते में पौधे रोपे जाएंगे। मिशन रिस्पना को पूरी तरह से वाॅलेंटियर्स की मदद से पूरा किया जाएगा।
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यहां गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र स्वयं मिशन रिस्पना की तैयारियों की माॅनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम ने मिशन रिस्पना को जनअभियान बनाने की अपील की है। जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा अनुसंधान केन्द्र रिस्पना के थ्री डी माॅडलिंग पर कार्य कर रहा है। उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा भी रिस्पना नदी की साफ-सफाई पर नजर बनाए हुए है। प्रदूषण बोर्ड द्वारा सिविक बाॅडी के साथ मिलकर नालियों की ब्लाॅकिंग की जा रही है ताकि नदी में गंदगी को जाने से रोका जा सके। प्लास्टिक की बोतलों के निपटारे के लिए उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा बड़ी साॅफ्ट ड्रिंक कंपनियों से बात की जा रही है।
दून के जिलाधिकारी ने कहा कि रिस्पना नदी को एक बार फिर से शहर की लाइफ लाइन बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। उन्होंने इस कार्यक्रम को अंजाम तक पहंचाने के लिए शहर के लोगों से साथ देने की अपील की है। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वृक्षारोपण से न सिर्फ आबो-हवा साफ होगी बल्कि भूजल स्तर में भी वृद्धि होगी।