देहरादून। राज्य के लोगों को जल्द ही क्रिकेट का रोमांच देखने को मिलेगा लेकिन उससे पहले स्टेडियम के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राजीव गांधी इंटरनेशनल किक्रेट स्टेडियम के नाम से राजीव गांधी का नाम गायब हो गया है। इस बात को लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि नाम हटाने का फैसला केवल कैबिनेट से लिया जा सकता है। अगर स्टेडियम से नाम हटाया गया है तो मैं पार्टी अध्यक्ष से बात करूंगा। हरदा ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और अपना विरोध जताएगी। हालांकि सरकार की तरफ से इस पर अभी कोई बयान नहीं दिया गया है। बता दें कि 3 जून को इस स्टेडियम में भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच खेले जाने वाले टी-20 सीरीज का मैच खेला जाना है।
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गौरतलब है कि रायपुर में स्थित राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कांग्रेस के कार्यकाल में 237 करोड़ की लागत से कराया गया था और नामकरण भी किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में बनवाया था लेकिन स्टेडियम के मुख्य गेट पर पूर्व प्रधानमंत्री का नाम नहीं है। अभी मुख्य द्वार पर सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम लिखा हुआ है। बता दें कि राज्य में भाजपा की सरकार आते ही स्टेडियम के नाम को बदलने का प्रस्ताव भेजा गया था जिसमें राजीव गांधी का नाम हटाने की मांग की थी और स्टेडियम का नामकरण किसी स्थानीय विभूति या खेल प्रतिभा के नाम पर रखने के संबंध में भी सुझाव मांगा गया था।
यहां बता दें कि अगले महीने अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लिए होने वाले मैच की सुरक्षा के लिए कल यानी कि शुक्रवार से राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पुलिस फोर्स तैनात कर दी जाएगी। इस दौरान एक पुलिस गारद और क्विक रिस्पांस टीम स्टेडियम की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। स्टेडियम प्रबंधन को बैरिकैडिंग की ऊंचाई बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि फैंस कूदकर स्टेडियम के अंदर न जा सकें।