पिथौरागढ़। बाॅक्सिंग रिंग में विरोधियों को धूल चटाने वाली पिथौरागढ़ की उभरती हुई मुक्केबाज गीतिका राठौर जिन्दगी की जंग हार गईं और जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले देहरादून में ही एक मुकाबले के दौरान के उनका घुटना टूट गया था बाद में उसे प्रत्यारोपित भी कराया गया। सर्जरी के बाद गीतिका को अभ्यास करने के में काफी परेशानी आ रही थी और वह तनाव में थीं और इससे परेशान होकर उसने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर दी। गीतिका की आत्महत्या से पूरे बाॅक्सिंग फेडरेशन और खिलाड़ी हैरान हैं।
गौरतलब है कि गीतिका मूल रूप से पिथौरागढ़ के मुंगरौली इलाके की रहने वाली थीं और इंटर की छात्रा थीं। गीतिका के पिता हुकुम सिंह राठौर ने उसने बॉक्सिंग में राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया था। अपनी बीमारी के चलते गीतिका पिछले कुद समय से काफी अवासद में थीं और इससे परेशान होकर ही उसने आत्महत्या कर ली। बता दें कि गीतिका के पिता डिग्री कॉलेज मुवानी में चौकीदार के पद पर तैनात हैं। जहरीला पदार्थ खाने के बाद उसे गौचर के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घर की बड़ी बेटी की आत्महत्या से पूरे घर में मातम का माहौल है।
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यहां बता दें कि गीतिका ने 2016 में जनवरी और अप्रैल में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व किया था। इसके पहले गीतिका राठौर ने साल 2015 में देहरादून में आयोजित राज्य स्तरीय बाक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। घुटने की सर्जरी के बाद वह लगातार अवसाद में थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि गीतिका थल-मुवानी क्षेत्र की एक होनहार बाॅक्सर थी। जिला स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद उसका चयन राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुआ था।