देहरादून। राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए नई जांच एजेंसी का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सचिवालय का चौथा तल माफिया मुक्त कर दिया गया है। सीएम ने पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के सत्ता में आने से पहले यहां भ्रष्टाचार का राज था और शासन पर माफियातंत्र पूरी तरह से हावी था। तबादला और नियुक्तियों को एक धंधा बना लिया गया था।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि भाजपा सरकार आते ही इस पर प्रभावी तरह से अंकुश लगाया गया है। अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए सीएम ने कहा कि यहां खनन पर कुछ ही लोगों का कब्जा था, भाजपा सरकार ने उस पर लगाम लगाते हुए माफियाराज से मुक्त कराया और एनजीटी के रोक के बावजूद राजस्व में 27 फीसदी का इजाफा किया। राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि सरकार ही ऐसा काम करेगी कि प्रदेश में लोकायुक्त की जरूरत महसूस न हो।
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आपको बता दें कि सीएम त्रिवेंद्र ने ऐलान किया कि बड़े लोगों के भ्रष्टाचार को लेकर सरकार गंभीर है। इस पर प्रभावी नियंत्रण को जल्द की अलग से जांच एजेंसी बनाने जा रहे हैं। यह एजेंसी ऐसे लोगों को शिकंजे में लेगी। सचिवालय से बायोमैट्रिक हाजिरी की शुरुआत कर नई कार्य संस्कृति विकसित की गई है। पहले जांच सचिवालय में माफिया तंत्र सक्रिय रहता था वह अब वह नजर नहीं आता है।