देहरादून। नौजवानों में नशे की बढ़ती लतों पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए सभी शिक्षा अधिकारियों को नया दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। अब सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक-कर्मचारियों को खुद ही प्रमाणपत्र देना होगा कि वो स्कूल परिसर के भीतर और 100 मीटर के दायरे में तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करेंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षण संस्थानों का औचक निरीक्षण करेंगे और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू और अन्य प्रकार के नशीले पदाथों पर रोक है। रोक का उल्लंघन होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब युवाओं में नशे की लत को खत्म करने के लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। नए दिशा निर्देश के अनुसार शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बेचने पर रोक लगा दी गई है।
ये भी पढ़ें - उत्तराखंड में मौसम का कहर जारी, कैम्प्टी फाॅल में सैलाब आने से दुकानों को भारी नुकसान, प्रशास...
यहां बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से सभी शिक्षा अधिकारियों को इसकी जानकरी दे दी गई है। सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य और हेडमास्टर को इस अभियान का नोडल अफसर बनाया गया है। ये अफसर हर तीन महीने में अपनी रिपोर्ट जिले के सीईओ को देंगे। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के अधिकार भी स्कूलों का औचक निरीक्षण करंेगे और कर्मचारियों के द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि स्कूलों के आसपास तंबाकू के प्रचार से जुड़े विज्ञापन भी नहीं किए जा सकेंगे। राज्य के 20 हजार बेसिक, जूनियर और माध्यमिक स्कूल और करीब 80 हजार अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक इसके दायरे में आएंगे।