देहरादून। उत्तराखंड में मदरसा शिक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। मदरसा शिक्षा बोर्ड में उपाध्यक्ष के दोनों पदों को भी समाप्त कर दिया गया है। अब बोर्ड में कार्यवाह अध्यक्ष का एक मात्र पद मनोनीत होगा। वहीं अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक को कार्यवाह अध्यक्ष पद के समान शक्तियां भी दी गई हैं। उपाध्यक्ष पद खत्म करने के बाद अब निदेशक ही मदरसा बोर्ड में मुखिया होंगे। वहीं, मदरसा बोर्ड से हटाए गए कार्यवाह अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, अधिकारी को मदरसा बोर्ड के शीर्ष पद पर बैठाने का विरोध कर रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट में संशोधन किया है। इसी संशोधन के तहत बोर्ड के कार्यवाह अध्यक्ष और दोनों उपाध्यक्षों को हटा दिया गया था। नए संशोधन में सिर्फ कार्यवाह अध्यक्ष का ही पद होगा और कोई भी उपाध्यक्ष नहीं होगा। हालांकि बोर्ड के कार्यवाह अध्यक्ष को पहले की तरह प्रदेश सरकार ही मनोनीत करेगी लेकिन अध्यक्ष की अनुपस्थिति में विभागीय निदेशक को सभी निर्णय लेने का अधिकार होगा। अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि
ये भी पढ़ें - एनएच घोटाले पर हाईकोर्ट सख्त, दिए सुधीर चावला को गिरफ्तार कर पेश करने के आदेश
आपको बता दें कि फिलहाल कार्यमुक्त कार्यवाह अध्यक्ष मौलाना जाहिद रजा रिजवी ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि निदेशक को मदरसा बोर्ड के शीर्ष पद की जिम्मेदारी देने का मामला उनकी समझ में नहीं आया। उनका मानना है कि शीर्ष पद पर मदरसों से जुड़े व्यक्ति को ही होना चाहिए। शासन ने अब बोर्ड से उपाध्यक्ष पद भी हटा दिया है। कार्यमुक्त उपाध्यक्ष रिजवान अहमद खान ने कहा कि उनका 3 वर्ष का कार्यकाल था लेकिन उन्हें 2 वर्ष पूर्व ही कार्यमुक्त करना न्यायसंगत नहीं है।