देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की कवायद तेज कर दी है। प्राईमरी से लेकर इंटरमीडिएट कॉलेजों के शिक्षकों के लिए ‘द टीचर एप’ लागू किया है। सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं को इस एप से जुड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। बता दें कि इसी एप पर उन्हें स्टडी मटैरियल उपलब्ध कराया जाएगा और इस पर ही उन्हें प्रश्नों के जवाब भी देने होंगे। सभी शिक्षकों के लिए 60 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त करना होगा। फिलहाल नैनीताल जिले में प्राइमरी से लेकर इंटर कालेजों में तैनात करीब 5500 शिक्षक -शिक्षिकाएं इस एप से जुड़ेंगे।
गौरतलब है कि अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड की निदेशक सीमा जौनसारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को इस बात के निर्देश भी दिए हैं कि सभी शिक्षकों को इस बात की जानकारी दी जाए।
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यहां बता दें कि सीमा जौनसारी ने कहा है कि शिक्षक किसी भी एंड्राॅयड फोन पर गूगल प्ले स्टोर से ‘द टीचर एप’ को डाउनलोड कर सकता है। इस पर सभी तरह की जानकारी हिंदी में उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि द टीचर एप और प्रदेश सरकार के बीच एमओयू किया गया है। अब सभी स्कूलों और इंटरमीडिएट काॅलेजों के शिक्षक और शिक्षिकाओं को इस एप से जुड़ना होगा। इस एप को शिक्षक अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग विषयों को सीखने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे खास तौर पर भारत के शिक्षकों की परिस्थिति को ध्यान में रखकर बनाया गया है। सभी वीडियो बहुत कम डाटा में और बिना इंटरनेट के भी चल सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि एप पूरी तरह से हिंदी भाषा में है।
शिक्षकों को दिए गए है यह निर्देश
- 31 अक्तूबर तक सभी शिक्षकों को द टीचर्स एप डाउनलोड कर अपने टीचर्स आईडी से एप पर पंजीकरण करना होगा।
- पंजीकरण करने के बाद एप पर ‘सीखने के प्रतिफल’ कोर्स पूरा करेंगे।
- सभी शिक्षकों को अप्रैल 2019 तक 5 कोर्स पूरे करने होंगे तथा इन पांच कोर्स को करना अनिवार्य है।
- सभी भाग को पूरी तरह देख कर उस विषय को सीखना और अपनी समझ को परखने को स्टडी मैटेरियल के आधार पर सभी सवालों का उत्तर देना और 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त करने होंगे।