देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की विदाई के साथ ही बीमारियों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। डेंगू के बाद अब स्वाइन फ्लू का मामला सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। बता दें कि इससे पहले देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश में डेंगू के कई मामले सामने आए थे। अब दून में स्वाइन फ्लू के मरीजों की पुष्टि होने से एक बाद फिर से स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुल गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी कर बच्चों को पूरी बाजू की शर्ट और पैंट पहनने के लिए कहा गया था।
गौरतलब है कि मौसम के बदलाव पर मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों में लगातार इजाफा देखा गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पानी जमा होने वाली जगहों पर कीटनाशक और मच्छरों को मारने वाली दवाओं के छिड़काव का दावा किया जाता है। इसके बावजूद शहरों में स्वाइन फ्लू के मरीजों की पुष्टि होने से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
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यहां बता दें कि प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव के द्वारा सभी अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया और स्वाइनफ्लू जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए ‘आइसोलेशन वार्ड’ बनाने के आदेश दिए हैं। खबरों के अनुसार ताजा मामले में जिन 2 महिलाओं में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है उनमें से एक हरिद्वार और 1 देहरादून की रहने वाली हैं।
गौर करने वाली बात है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दोनों महिलाओं को जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा ‘टेमी फ्लू’ के अलावा पर्याप्त मात्रा में मास्क, आक्सीजन सिलिंडर, टेस्टिंग किट रखवा दी गईं हैं। अस्पतालों में दवाइयों की कमी नहीं हो इसके लिए अतिरिक्त दवाइयां, मास्क और टेस्टिंग किट मंगाए गए हैं। सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता का कहना है कि जरूरत पड़ने पर स्थानीय स्तर पर भी दवाइयां और मास्क खरीदे जाएंगे लेकिन कई अस्पतालों में पैरा मेडिकल स्टाफ के पास न तो मास्क हैं और न ही बीमारी की जांच के लिए उपकरण ही मौजूद हैं।