देहरादून। उत्तराखंड में पाॅलीथिन पर प्रतिबंध होने के बाद भी इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से जारी है। अब सरकार और नगर निगम ने शहरों को पाॅलीथिन मुक्त करने के लिए कोशिशों को और सख्त किया जाएगा। अब पाॅलीथिन या उससे बने उत्पादों के पकड़े जाने पर प्रतिकिलो 5 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। बता दें कि अभी पाॅलीथिन का उपयोग करने वालों पर 100 से 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान था। गौर करने वाली बात है कि शनिवार को लक्खीबाग क्षेत्र में पॉलीथिन के 2 कारोबारियों से भारी मात्रा में पॉलीथिन मिलने पर दोनों पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में पाॅलीथिन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध है लेकिन इसके बाद भी बाजारों में पाॅलीथिन और इसके उत्पादों का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। अब देहरादून नगर निगम ने पाॅलीथिन का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम ने अब छापेमारी के दौरान पाॅलीथिन पकड़े जाने पर प्रतिकिलो 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला लिया है। यहां बता दें कि निगम के अधिकारियों ने पिछले दिनों 2 कारोबारियों से पाॅलीथिन मिलने पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बताया जा रहा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
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यहां बता दें कि अब निगम की ओर से यह तय कर दिया गया है कि पाॅलीथिन पकड़े जाने पर प्रतिकिलो 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का ऐलान किया है। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कैलाश जोशी ने साफ कर दिया है कि पॉलीथिन के खिलाफ अभियान चलता रहेगा। दुकान से लेकर होलसेलर के यहां से पॉलीथिन मिलने पर उसे ’जब्त करने के साथ ही प्रति किलो पॉलीथिन पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
गौर करने वाली बात है कि पाॅलीथिन स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के साथ ही शहर की नालियों के लिए भी खतरनाक बने हुए हैं। ऐसे में यहां पाॅलीथिन पर रोक लगाने का ऐलान किया गया था। अधिकारियों की लापरवाही के चलते हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार भी लगाई थी।