देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की कवायद तेज कर दी है। रोजाना लंबा सफर तय कर स्कूल आने वाले शिक्षकों पर अब सरकार लगाम लगाने की तैयारी की कर रही है। शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से विभागीय समीक्षा करते हुए शिक्षकों को नियुक्ति स्थल के पास ही रहने के निर्देश दिए हैं। समीक्षा के दौरान सचिव ने पाया कि जो शिक्षक अपने स्कूलों के निकट रहते हैं, वहां मासिक परीक्षा के नतीजे काफी बेहतर आ रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि शिक्षकों को उनकी नियुक्ति स्थल के 8 किलोमीटर के दायरे में ही रहने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उसका पालन नहीं किया गया।
गौरतलब है कि शिक्षा सचिव ने समीक्षा के दौरान बताया कि स्कूलों के करीब रहने वाले शिक्षकों के स्कूलों के परिणाम अच्छे आ रहे हैं। यहां बता दें कि राज्य के ज्यादातर इलाकों में शिक्षक अपनी तैनाती वाले स्कूलों के पास रहने से कतराते हैं। ये शिक्षक अपने स्कूल से 60 या 70 किलोमीटर की दूरी पर शहरी इलाकों में रहते हैं जिससे उनका ज्यादा वक्त इतनी दूरी तय करने में निकल जाता है। देहरादून में ही चकराता और कालसी में ऐसे शिक्षकों के खिलाफ स्थानीय लोग कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं।
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यहां बता दें कि शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई समीक्षा बैठक में छात्राओं की समस्याओं के समाधान और शोषण से बचाने को हर स्कूल में शिकायत बॉक्स और महिला शिक्षिकाओं की समिति का गठन करने के भी निर्देश दिए गए हैं। वहीं कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय और छात्रों को स्कूल लाने-ले जाने के लिए एस्काॅर्ट की सुविधा देने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही शून्य छात्र संख्या वाले विषय के शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में तबादला किया जाएगा।