देहरादून। उत्तराखंड में अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की खैर नहीं होगी। प्रदेश सरकार ने यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के मकसद से करीब 6 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि इस रकम से उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण खरीदे जाएंगे। इनमें ड्रोन भी शामिल है। इन उपकरणों से शहरों में होने वाली दुर्घटनाओं के साथ ही नियम तोड़ने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।
यातायात को सुरक्षित बनाने की कोशिश
गौरतलब है कि परिवहन सचिव डी. सेंथिल पांडियन ने बताया कि बैठक में 12 करोड़ रुपये के प्रस्ताव आए थे। उनमें सवा 6 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकार कर लिए गए हैं। सभी उपकरण और सामग्री की खरीद प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी। सरकार का कहना है कि डाटा मैनेजमेंट सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा। यहां बता दें कि परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि यातायात को सहज और सुरक्षित बनाने के लिए लगातार गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।
नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा
यातायात नियंत्रण और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा कसना आसान होने जा रहा है। समिति ने 10 इंटरसेप्टर वाहन, 13 स्पीड राडार गन खरीदने की मंजूरी दी दी गई है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए 57 एल्कोमीटर भी खरीदे जाएंगे।
ड्रोन-सीसीटीवी कैमरे से जाम पर नजर
सड़कों पर लगने वाले जाम पर नजर रखने के लिए राज्य भर में 200 सीटीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन्हें यातायात के लिहाज से संवेदनशील चैराहों पर लगाया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस को दो ड्रोन खरीदने की अनुमति दे दी गई है।
1000 टैक्सी ड्राइवर को रिफ्रेशर कोर्स
निजी और कंपनियों की टैक्सियां चलाने वाले ड्राइवरों के लिए विशेष रिफ्रेशर कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। प्रथम चरण में एक हजार ड्राइवरों को रिफ्रेशर कोर्स कराने के लिए पांच लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।
हादसों पर नियंत्रण को 12 क्रेन मंजूर
सड़क हादसों के दौरान राहत और बचाव के लिए पुलिस और परिवहन विभाग को 12 नई क्रेन मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए 1.20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। क्रेन को पर्वतीय क्षेत्रों में हादसों के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में रखा जाएगा।
गदरपुर-हल्द्वानी रोड का ब्लैक् स्पॉट होगा सुरक्षित
वित्त प्रबंधन समिति ने गदरपुर-दिनेशपुर-मदकोटा-हल्द्वानी मार्ग के ब्लैक स्पॉट की मरम्मत और सुरक्षा इंतजाम के लिए 25 लाख रुपये दिए हैं। इस ब्लैक स्पॉट को हादसों के लिहाज से राज्य के सर्वाधिक संवेदनशील ब्लैक स्पॉट में माना जाता है।